Sakshi Malik के अनमोल विचार Sakshi Malik Quotes in Hindi
1. कोई भी खेल पूरी प्रतिबद्धता मांगता है। हम खिलाड़ियों की सामाजिक जिंदगी तो मानो खत्म ही हो जाती है।
2. कभी भी आलोचनाओं के डर से खेल छोड़ने का विचार मेरे मन में कभी नहीं आया।
3. कई बार चोटो के कारण मैं परेशान हुई। जब मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रही थी तो आस पड़ोस के लोग कहते थे "यह कुछ नहीं कर पाएगी।" ऐसा कहकर वे मेरे आत्मविश्वास पर चोट करने की कोशिश करते थे, लेकिन यदि मैंने उनकी बात पर ध्यान दिया होता तो आज इस मुकाम पर नहीं पहुंच पाती।
4. जब आप कुश्ती खेलना शुरु करते हैं, तो ऐसा नहीं है कि अगले ही दिन से आप जितने लगेंगे। एक लेवल पर पहुंचने के लिए 2 से 3 साल लगते ही हैं।
5. जब मैंने खेलना शुरू किया तो बहुत लोग कहते थे लड़की होकर कुश्ती कर रही है। अब वही लोग आते हैं, मुझे बधाई देते हैं और मेरे साथ फोटो खिंचवाते ।
6. जानती थी वो आखरी 3 मिनट मेरी पहचान तय करेंगे।
7. गीता फोगाट(ओलंपिक में क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय महिला) के लंदन जाने के बाद हम लड़कियों में यह आत्मविश्वास आया था कि हम भी ओलंपिक खेल सकते हैं। उन्होंने रास्ता दिखाने का काम किया और भरोसा पैदा करने का भी।
8. कुश्ती की दृष्टि से गांव और छोटे सेंटर्स पर रेसलिंग मैट की सुविधा होनी चाहिए। वहां कोचेस भी होनी चाहिए क्योंकि प्रतिभाएं यहीं से आती हैं।
9. मेरे पैरेंट्स ने हमेशा मेरा साथ दिया। मेरे हर निर्णय के साथ मजबूती से खड़े रहे।