Nawazuddin Siddiqui के अनमोल विचार Nawazuddin Siddiqui Quotes in Hindi

                                     

1. जब मैं Plays कर रहा था, उससे ज्यादा पैसा नहीं मिलता था। तो मैंने सोचा कि यार, बहुत बुरी हालत हो रही है... इससे तो अच्छा मुंबई जाकर बुरी हालत होती तो वो ज्यादा satisfactory होगी। यह सोचकर मैं मुंबई चला आया।

2. मेरे ख्याल से कि मैं Passionately इंस्पायर नहीं था ...जैसे फिल्म में बहुत बड़ा स्टार बनना है। ऐसा कुछ नहीं था, मेरा survival का issue था।

3. खाली बैठने वाला जो समय होता है उससे बड़ा डर लगता है।

4. जब मैं गांव जाता था। मेरे father मेरे पर गुस्सा होते थे क्योंकि मेरी ज्यादातर फिल्मों में पिटाई होती थी जैसे Torcher हो रहा हूं जेल में, Hero आके पीट कर चला गया। तो मेरे फादर गुस्सा हो जाते...क्या है पीट कर आ जाता है, उनको उसमें acting नजर नहीं आती थी।फिर 12 साल बाद ऐसा हुआ कि Gangs of Wassepur मिली जिसमें मैंने सब को मारा, तब वह खुश थे।

5. ग्रेजुएशन करने के बाद जब जॉब का वक्त आया तो मैं बड़ौदा में आया और पेट्रो केमिस्ट फैक्ट्री में एक केमिस्ट के तौर पर काम करने लगा।

6. बहुत सारे लोग पूछते हैं कि आपका ड्रीम रोल क्या है? 

     पहले मैं बहुत ड्रीम करता था। बाद में realise हुआ कि अगर आप ड्रीम रोल का ड्रीम को देख रहे हो और पता चले कि आपको रोल मिल गया किसी दूसरे का। तो उसमें आपके ड्रीम रोल के inflection आने लगते हैं।

7. हर actor बोलता है कि मैं talented हूं, but उस talent का एक ही पिक्चर में पता चल जाएगा और दूसरी पिक्चर वह expose हो जाएगा.... अगर आप trained नहीं हो तो, क्योंकि talent को training ही होती है जो shape up करती है।

8. मैं एक महारथी play से dailog बोल रहा हूं, कृष्ण बोल रहे हैं दुर्योधन को...
   "अभी तक तेरी हर गलती को मैं यह सोचकर माफ करता आया हूं कि अभी तक तू बच्चा,अबोध या नादान या मूर्ख है लेकिन आज तुने साबित कर दिया कि तू बच्चा नहीं बल्कि कृतज्ञ मदाचार और तमगी मनुष्य है, जो सत्ता के मद में यह भी भूल गया कि तुझे मनुष्य बनाया किसने?
     तूने मुझे नहीं जाना, मुझे नहीं पहचाना। आज अपनी आंखें खोल... जान कि मैं कौन हूं ?मैं वो हूं जिसके प्रेम को पूरा संसार तरसता है, जिसके क्रोध से ब्रह्मांड का कापता है। मैं जन्म हूं... मै ही मृत्यु, मैं अनादि हूं इसलिए मै था और सदैव रहूंगा।
     लेकिन याद रख दुर्योधन! मैं हमेशा तेरे काल का मूल हूँ।"

9. मैं 25 सालों से सिर्फ और सिर्फ सिनेमा के बारे में ही सोचता हूं.... सिनेमा सोचते ही उठता हूं और उसी के बारे में बातें करते सो जाता हूं।

10. मैं वही किरदार करता हूं, जिसमें मुझे मजा आता है। मुझे जो किरदार मजेदार नहीं लगता, मैं करता ही नहीं। ज्यादातर लोग मुझे ग्रे शेड वाले किरदार अपील करते हैं क्योंकि इसमें परफॉर्मेंस का स्कोप होता है।

11. मेरा तो hobby भी सिनेमा ही है। जब मैं फिल्में नहीं करता हूं.... तो दोस्तों के साथ मिलकर फिल्मों के पर बातें कर लेता हूं। 25 सालों से दिन भर बस दिमाग में एक्टिंग ही रहता है।

12. मैं कॉन्ट्रोवर्सी में नहीं फंसना चाहता.... इसलिए सोशल मीडिया से दूर रहता हूं। सोशल मीडिया को लेकर मेरी सोच खत्म हो चुकी है। जहां तक फैंस से जूझने का सवाल है... तो मैं अपने फिल्मों के जरिए उनसे जोड़ता हूं।



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