Sirshree के अनमोल विचार Sirshree Quotes in Hindi

                                 


1. विश्व की सबसे बड़ी शक्ति-विश्वास।

2. जिस लक्ष्य पर आप काम करते हैं, कुछ समय बाद वह लक्ष्य आप पर काम करना शुरू करता है।

3. अपने जीवन के हर गिफ्ट को लिफ्ट (विकास की सीढ़ी) बनाएं।

4. आपके जीवन में हर दिन जो भी घटना हो रही है, उसे ईश्वर का उपहार समझ कर स्वीकार करो।

5. जितना बड़ा लक्ष्य आप बनाएंगे, उतनी ही ज्यादा लक्ष्य आप पर कार्य करेगा। यह कर्म का नियम है।

6. ख+अ+स से मिलकर बनता है-'खास' इसमें 'ख' से- खुशी, अ से-'आश्चर्य' और स से 'सराहना'।

7. जो लोग पहाड़ियों, मंदिरों, झरनों तथा नदियों के तट पर जाकर मन्नतें मांगते हैं, उनके जीवन में बहुत से चमत्कार होते हुए दिखाई देते हैं, क्योंकि उनके अंदर विश्वास की शक्ति प्रकट हुई है। यह शक्ति हरेक के अंदर छुपी है। आपको ऐसी शक्ति को बाहर लाने के लिए कार्य करना है, उसे प्रकट करना है ताकि आपके जीवन में चमत्कार होने शुरू हो जाए।

8. ईश्वर ने यह संसार बनाया है और साथ ही उसके कुछ नियम भी बनाए हैं। ये सारे नियम बचपन में हम सभी जानते है लेकिन बड़े होने पर उन्हें भूल जाते हैं। अविश्वास और मान्यताओं का सिलसिला शुरू हो जाता है। अलग- अलग घटनाओं में उसका विश्वास डगमगाने लगता है। मगर अब आपको किसी भी घटना में फसना नहीं है बल्कि यह कहना है, 'यह घटना मौका है... जो मेरे अंदर विश्वास और प्रेम प्रकट करने के लिए आई है... मैं उसे नए दृष्टिकोण से देखूंगा..' यकीन मानिए नया दृष्टिकोण आपको बदल कर रख देगा।

9. जीवन की कर्मभूमि पर इंसान के दो गुणों को विकसित करना है। पहला-विश्वास और दूसरा-प्रेम आप पृथ्वी पर इन दो गुणों को प्रकट करने के लिए आए हैं। ये दो गुण जब तक प्रकट नहीं होते तब तक इंसान पूर्ण रुप से खिल फूल नहीं पाता।

10. स्वास्थ्य मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है।

11. आज प्रेम शब्द का अर्थ बदल गया है। लोग प्रेम को वासना की नजर से देखते हैं, इसलिए यह शब्द भ्रष्ट हो गया है।

12. एक बार पत्नी ने पति से कहा ,"अब बहुत हुआ, आगे से जुआ खेलना बंद करो।" इस पर पति ने चतुराई भरा जवाब दिया "जुआ खेलना क्यों बंद करूं? जुआ तो युधिष्ठिर भी खेला करते थे।" तब बीवी ने भी तपाक से जवाब दिया, "अच्छा! फिर यह मत भूलिए कि राजा युधिष्ठिर की पत्नी के चार और पति थे, क्या आपको ऐसा चलेगा?" तब पति की बोलती बंद हो गई।
तात्पर्य--लोग अपनी वृत्ति को छिपाने के लिए ज्ञानी बन कर जवाब देते हैं। मगर सत्य की बातों का उपयोग कैसे करना है, ये भी नहीं जानते हैं।

13. जिस तरह लोग प्यार से अपने बच्चों के नाम बबलू, पिंकी, चिंटू, मिंटू रखते हैं लेकिन उनकी स्कूल का नाम एक ही रहता है। ठीक इसी तरह से लोग ईश्वर को अल्लाह, ईश्वर, प्रभु, शिव आदि अलग-अलग नामों से पुकारते हैं।

14. भूतकाल में घटी दु:खद, अपमानस्पद घटनाओं को अक्सर इंसान भुला नहीं पाता और सामने वालों को माफ़ भी नहीं कर पाता। असल में वह सबसे बड़ा बेदर्दी है, जो सामने वालों को माफ ना करके खुद को दु:ख में तड़पाता है।

15. पहले खोज, मनन, मंथन करें फिर किसी विषय पर बातचीत करें।

16. क्या कभी आपने सोचा है कि ईश्वर के स्कूल का नाम क्या है? वह है-'विश्वास'।

17. जिस कर्म में भाव, प्रेम और प्रज्ञा(समझ) हो वही कर्म कर्मात्मा।

18. प्रेम और विश्वास एक सिक्के के दो पहलू है। ये दोनों एक दूसरे के बिना अधूरे हैं।

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