Rahim Das के अनमोल विचार Rahim Das Motivational Quotes in Hindi
1. मुर्खो से ना दोस्ती और ना ही दुश्मनी दोनों ही अच्छी नहीं होती जैसे कुत्ता चाहे काटे या चाटे दोनों का ही विपरीत प्रभाव माना जाता है।
2. वृक्ष कभी फल नहीं खाता, नदी कभी जल नहीं संचित करती ठीक उसी प्रकार सज्जन मनुष्य दूसरों की भलाई करने के लिए शरीर को धारण करते हैं।
3. प्रेम रूपी धागे को कभी नहीं तोड़ना चाहिए। यदि यह एक बार टूट जाता है तो फिर दोबारा नहीं जुड़ता है और जुड़ता भी है तो गांठ तो पड़ ही जाती है।
4. उचित समय आने पर वृक्ष में फल लगता है। झड़ने का समय आने पर झड़ जाता है। हमेशा किसी की अवस्था एक जैसी नहीं रहती इसलिए दुख के समय पछताना व्यर्थ है।
5. वह लोग धन्य हैं जिनका शरीर सदा सबका उपकार करता है।
6. जो इंसान किसी से कुछ मांगने के लिए जाता है वो तो मरे हुए हैं परंतु उनसे पहले ही वे लोग मर जाते हैं, जिनके मुंह से कुछ भी नहीं निकलता है।
7. यदि विपत्ति कुछ समय की हो तो वह भी ठीक है क्योंकि विपत्ति में ही सबके बारे में जाना जा सकता है कि दुनिया में कौन आपका साथ देता है और कौन नहीं?
8. दीया के चरित्र जैसा ही पुत्र का भी चरित्र होता है। दोनों ही पहले तो उजाला करते हैं परन्तु बढ़ने के साथ-साथ अंधकार करते जाते है।
9. कुछ अवसर ऐसे आते हैं जब गुणवान को चुप रहना पड़ता है,उनका कोई आदर नहीं करता और गुणहीन वाचाल व्यक्तियों का ही बोल बाला हो जाता है।
10. जिन्हें कुछ भी नहीं चाहिए वो शासकों के शासक हैं, क्योंकि ना तो उन्हें किसी चीज की परवाह है, ना ही किसी बात का दु:ख और उनका मन तो बिल्कुल आजाद है।
11. अपने मन के दुख को मन के भीतर छुपा कर ही रखना चाहिए, दूसरों को दुख बताने से लोग आपका मजाक उड़ाते हैं ।उसे बांटकर कम करने वाला कोई नहीं है।
12. पूरी दुनिया को पता है कि खैरियत, खून, खांसी, खुशी, दुश्मनी, प्रेम और मदिरा का नशा छुपाए नहीं छुपता।
13. जैसे पृथ्वी ठंडी, गर्मी व बरसात सहन करती है उसी प्रकार मनुष्य का शरीर को भी सुख दुख सहन करना चाहिए।
14. दूध को मथने से मक्खन नहीं निकलता।
15. बड़े को छोटा कहने पर बड़प्पन नहीं कम होता।
16. सज्जन व्यक्ति वह है जो दूसरों के भलाई के लिए संपत्ति संचित करते हैं।
17. बड़े लोगों को पाकर छोटे लोगों को नहीं छोड़ना चाहिए क्योंकि जहां छोटी सी सुई का काम होता है वहां तलवार बेचारी किस काम की है?
18. बड़ों को क्षमा शोभा देती है और छोटों को बदमाशी।
19. जिस प्रकार आंखों से आंसू बह कर मन का दुख प्रकट कर देता है, उसी प्रकार जिसे घर से भगाया जाता है वो घर का भेद दूसरों को बता ही देगा।
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